उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए एक नई शुरुआत हो चुकी है, जहां सिंचाई की समस्या अब इतिहास बनने वाली है। राज्य सरकार ने छोटे खेतों वाले किसानों को नलकूप खोदने के लिए सीधी आर्थिक मदद का ऐलान किया है। इससे सूखाग्रस्त क्षेत्रों में फसलें हरी-भरी रहेंगी और आय में इजाफा होगा।

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योजना क्यों लाई गई?
बारिश पर आश्रित किसानों को हमेशा नुकसान का सामना करना पड़ता है, लेकिन अब यह योजना उनके खेतों तक पानी पहुंचाने का मजबूत जरिया बनेगी। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में जहां नहरें दूर हैं, वहां यह मदद फसल चक्र को साल भर चलाने में सहायक साबित होगी। इससे गेहूं, धान और सब्जियों की पैदावार में भारी सुधार की उम्मीद है।
लाभ की राशि और प्रकार
- हर योग्य किसान को बोरिंग खोदने पर अधिकतम ₹10,000 की सब्सिडी घर बैठे ट्रांसफर होगी।
- पिछड़े वर्गों को अतिरिक्त छूट मिलेगी, जिससे कुल खर्च का बड़ा हिस्सा सरकार वहन करेगी।
- उथली या गहरी दोनों तरह की बोरिंग इस योजना के दायरे में आती हैं, ताकि हर इलाके का किसान फायदा उठा सके।
पात्रता के नियम
जिनके पास कम से कम आधा एकड़ जमीन हो और पहले कोई सिंचाई सब्सिडी न ली हो, वे आसानी से आवेदन कर सकते हैं। किसान क्रेडिट कार्ड या आधार लिंक्ड बैंक अकाउंट वाले प्राथमिकता में रहेंगे। महिलाएं और छोटे परिवार वाले किसान भी इस लाभ से सरसरी होंगे।
आवेदन प्रक्रिया
सरकारी पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से शुरूआत करें, जहां जमीन के दस्तावेज अपलोड करने पड़ेंगे। लोकल ब्लॉक ऑफिस में फॉर्म जमा करने के बाद टीम साइट चेक करेगी और स्वीकृति मिलते ही काम शुरू। जल्दी आवेदन करें, क्योंकि सीटें सीमित हैं और मौसम से पहले पूरा होना जरूरी है।

















