उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक क्रांतिकारी कदम उठा रही है। इस योजना के तहत योग्य किसानों के खेतों में बोरिंग की व्यवस्था पूरी तरह मुफ्त कराई जाती है। इससे पानी की कमी से जूझ रहे लाखों किसान परिवारों को राहत मिलेगी। फसलें समय पर हरी-भरी रहेंगी और आय में इजाफा होगा। छोटे किसानों के लिए यह वरदान साबित हो रही है।

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योजना से क्या फायदे?
यह पहल सिंचाई की समस्या को जड़ से खत्म करने पर केंद्रित है। किसानों को बोरिंग पर भारी आर्थिक सहायता मिलती है, जो सामान्य श्रेणी में हजारों रुपये तक पहुंच सकती है। एससी-एसटी वर्ग के लिए यह मदद और भी ज्यादा आकर्षक है। विभाग द्वारा नियुक्त ठेकेदार बोरिंग का काम तेजी से पूरा करते हैं। इसके बाद किसान अपनी पसंद का पंप लगाकर खेती कर सकते हैं। फसल उत्पादन में जबरदस्त उछाल आता है, खासकर गेहूं, धान और सब्जियों में। कम पानी वाले इलाकों में यह योजना जीवनदायिनी साबित हो रही है।
पात्रता के नियम सरल
केवल उत्तर प्रदेश के निवासी ही इस योजना का लाभ ले सकते हैं। जिनके पास 50 डिसमिल से लेकर 2.5 एकड़ तक जमीन हो, वे आवेदन कर सकते हैं। राज्य की अन्य सिंचाई योजनाओं से पहले लाभ न ले चुके किसान प्राथमिकता में हैं। छोटे और सीमांत किसानों को विशेष तरजीह दी जाती है। किसान सम्मान निधि या संबंधित पोर्टल पर रजिस्टर्ड होना जरूरी है। महिलाओं और गरीब परिवारों को भी आगे रखा जाता है।
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जरूरी कागजात तैयार रखें
आवेदन के समय आधार कार्ड, जमीन के कागजात और बैंक डिटेल्स अनिवार्य हैं। जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण और निवास प्रमाण भी लगते हैं। पासपोर्ट फोटो और मोबाइल नंबर से प्रक्रिया आसान हो जाती है। कभी-कभी छोटी सर्वे फीस या स्टांप पेपर की जरूरत पड़ सकती है। ये दस्तावेज आसानी से जुटाए जा सकते हैं।
आवेदन प्रक्रिया क्या है?
लघु सिंचाई विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भरें। सभी कागजात अपलोड करें और सबमिट करें। स्थानीय ब्लॉक कार्यालय में जमा करने पर सत्यापन होता है। चयन के बाद बोरिंग का काम तुरंत शुरू हो जाता है। आवेदन की स्थिति ऑनलाइन चेक करें। समय रहते आवेदन करें ताकि अगले खरीफ सीजन से फायदा मिले। जल्दबाजी न करें, लेकिन मौका हाथ से न जाने दें।
यह योजना किसानों के सपनों को पंख दे रही है। लाखों परिवार इसका लाभ उठा चुके हैं। अभी एक्शन लें और समृद्ध खेती की ओर बढ़ें!

















