
जब भी लोग पेट्रोल या डीजल भरवाने पेट्रोल पंप पर जाते हैं, तो उनके मन में एक सवाल जरूर उठता है क्या हमें पूरा और शुद्ध तेल मिल रहा है? गांव और शहरों में अक्सर लोग एक-दूसरे को सलाह देते हैं कि फलां पंप पर भरोसे के साथ तेल भरवाया जा सकता है, जबकि दूसरे पंप पर नहीं। यह आदत धीरे-धीरे हमारी ड्राइविंग संस्कृति का हिस्सा बन गई है।
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वायरल हुआ वीडियो जिसने बदली सोच
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक रील वायरल हो रही है, जिसे @babamunganathfillingstation नामक इंस्टाग्राम अकाउंट से शेयर किया गया। इस वीडियो में एक पेट्रोल पंप कर्मचारी ने बहुत ही आसान शब्दों में बताया कि सही और शुद्ध पेट्रोल-डीजल कैसे पहचानें। अब तक लाखों लोग इस वीडियो को देख चुके हैं और कई ने इसे उपयोगी सलाह बताया है।
110 या 210 रुपये का पेट्रोल भरवाने का क्या मतलब?
अक्सर लोग सोचते हैं कि अगर वे 110, 210 या 310 रुपये का पेट्रोल भरवाएंगे तो पंप कर्मचारी धोखा नहीं दे पाएंगे। उन्हें यह लगता है कि इस छोटे-छोटे “ट्रिक अमाउंट” से मशीन अगर छेड़छाड़ की हुई भी है, तो नुकसान कम होगा। मगर, वीडियो में मौजूद कर्मचारी का कहना है कि ऐसी सोच पूरी तरह गलत है। असली बात रकम की नहीं, बल्कि तेल की गुणवत्ता और मशीन की सटीकता की है।
पहला नियम: हर बार डेंसिटी जरूर जांचें
कर्मचारी के मुताबिक, पेट्रोल भराने से पहले मशीन पर लिखी डेंसिटी (घनत्वता) को जरूर पढ़ना चाहिए। पेट्रोल की डेंसिटी सामान्यत: 720 से 775 के बीच और डीजल की 820 से 860 के बीच होनी चाहिए। यही रेंज बताती है कि तेल शुद्ध है या नहीं। अगर डेंसिटी इससे कम या ज्यादा है, तो इसका मतलब है कि उसमें पानी या अन्य पदार्थ मिलाए गए हो सकते हैं।
डेंसिटी देखकर ग्राहक यह अंदाजा लगा सकता है कि वह जो ईंधन भरवा रहा है, वह पूरी तरह शुद्ध और मानक के अनुरूप है या नहीं। यह जानकारी पंप की मशीन पर साफ-साफ लिखी होती है, जिसे अधिकतर लोग नज़रअंदाज़ कर देते हैं।
दूसरा नियम: मीटर पर नजर रखें
तेल भराते समय ज्यादातर लोग केवल “0” देखना पर्याप्त समझते हैं। लेकिन वीडियो में कर्मचारी ने बताया कि ग्राहकों को “0” के बाद की पहली डिजिट भी ध्यान से देखनी चाहिए। अगर मीटर “0” से सीधे “10” या “12” पर पहुंच जाए, तो इसका मतलब है कि मशीन में गड़बड़ी या छेड़छाड़ हो सकती है। इसलिए हमेशा शुरुआत से लेकर अंत तक मीटर का डिस्प्ले देखकर ही भुगतान करें।
210 या 310 रुपये से नहीं बदलती ईमानदारी
वीडियो में पंप कर्मचारी ने साफ कहा कि 110 या 210 रुपये की ट्रिक से कोई फर्क नहीं पड़ता। सही तरीका है डेंसिटी और मीटर की पारदर्शिता पर भरोसा करना। ग्राहक को यह समझना चाहिए कि मशीन की सटीकता और पंप की ईमानदारी की जांच केवल राशि से नहीं की जा सकती।
सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं
रील पर लाखों व्यूज और हजारों कमेंट आ चुके हैं। कई यूजर्स ने कर्मचारी की सादगी और ईमानदारी की तारीफ की है। किसी ने लिखा कि वे अब से हमेशा डेंसिटी चेक करेंगे, तो किसी ने कहा कि वे पहले से ही लीटर में तेल भरवाते हैं, न कि रकम में। कुछ यूजर्स ने अपने “खास रकम” वाले तरीके भी साझा किए जैसे 578 या 1013 रुपये का तेल भरवाना।
सही तरीका क्या अपनाना चाहिए?
अगर आप अगली बार पेट्रोल या डीजल भरवाने जाएं, तो इन दो बातों को हमेशा ध्यान रखें—
- डेंसिटी चेक करें और देखें कि वह सही रेंज में है या नहीं।
- मीटर का पूरा डिस्प्ले लगातार देखते रहें ताकि कोई छल न हो।
इन दो साधारण सावधानियों से आप पेट्रोल-डीजल की गुणवत्ता सुनिश्चित कर सकते हैं और अपने वाहन की लंबी उम्र भी बढ़ा सकते हैं।

















