Supreme Court Big Verdict: अब इतनी आसानी से नहीं बिकेगी पैतृक संपत्ति, SC के नए फैसले ने बदल दिया पूरा नियम

पैतृक संपत्ति को बेचना अब सबकी सहमति के बिना नामुमकिन! सुप्रीम कोर्ट के 2025 फैसलों ने नियम सख्त कर दिए। बेटियां बराबर हकदार, बंटवारे के बाद ही हिस्सा बेचो। माता-पिता बेदखल कर सकते हैं लापरवाह संतान को। समय पर दावा करो, वकील से सलाह लो, परिवार बचाओ!

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भाइयों-बहनों, घर की पैतृक जमीन-खाला को लेकर परिवार में कितने झगड़े होते हैं ना? आजकल सुप्रीम कोर्ट के नए फैसलों ने इन गलतफहमियों को काफी साफ कर दिया है। अगर आपके पास पुरानी जायदाद है या खरीदने-बेचने का मन है, तो ये नियम जान लो ताकि बाद में कोर्ट-कचहरी न घूमना पड़े। सब कुछ सहमति और कानून पर टिका है अब।

बिना सबकी रजामंदी कुछ नहीं बिकेगा

देखो, अगर पैतृक प्रॉपर्टी अभी बंटी नहीं है, तो कोई एक भाई-बहन अकेले उसे नहीं बेच सकता। सभी वारिसों का बराबर हक है, तो सबकी सहमति जरूरी। एक का हिस्सा बेचना हो तो पहले पार्टिशन करवाओ। Angadi Chandranna केस में कोर्ट ने यही कहा कि बंटवारे के बाद ही हिस्सा अपनी मर्जी से बेचो। ये नियम परिवार की एकता बचाता है।​

बेटियां भी बराबर की मालकिन

बहुत बड़ा बदलाव आया है! 2005 के हिंदू सक्सेशन एक्ट और विनीता शर्मा केस से बेटियां जन्म से को-पार्सिनर हैं। बेटों जैसा हक मिला पैतृक संपत्ति में। आदिवासी महिलाओं के लिए भी जुलाई 2025 का फैसला आया कि वो भी बराबर हिस्सा लेंगी। अब लड़कियां पीछे नहीं हटेंगी।​​

बंट चुकी तो मनमर्जी करो

एक बार कोर्ट या फैमिली से पार्टिशन हो जाए, तो मिला हिस्सा सेल्फ-एक्वायर्ड हो जाता। बेचो, गिफ्ट करो या विल लिखो – कोई रोक नहीं टकेगा। लेकिन अविभाजित में तो सभी की NOC चाहिए। मई 2025 के फैसले ने ये साफ किया कि खरीदार को सिर्फ विक्रेता का हिस्सा मिलेगा। सावधानी बरतो!

समय पर दावा न करो तो हक गया

लिमिटेशन एक्ट कहता है, 12 साल में दावा न करो तो अधिकार कमजोर। माता-पिता अगर संतान की देखभाल न पाएं, तो सीनियर सिटीजन एक्ट से बेदखल कर सकते हैं। एग्रीमेंट टू सेल से कुछ नहीं होता, रजिस्टर्ड डीड ही असली है। 17 अक्टूबर 2025 का फैसला यही दोहराया।

फैमिली में बैठो, बात करो, डॉक्यूमेंट्स चेक करो। वकील से सलाह लो तो झंझट न होगा। ट्रस्ट और समझ से फैसले लो, तो संपत्ति तो बचेगी ही, रिश्ते भी निभेंगे। नए नियम परिवार को मजबूत बनाते हैं, विवाद कम करते हैं। स्मार्ट बनो, खुश रहो!

Author
Ekomart

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