घर की चारदीवारी में रहकर महिलाएं अब सिलाई मशीन से आसानी से अच्छी कमाई कर सकती हैं। केंद्र और राज्य सरकारें चला रही विशेष योजना से गरीब महिलाओं को मुफ्त सिलाई मशीन, प्रशिक्षण और भत्ता मिल रहा है। इससे महीने के 10-20 हजार रुपये तक की आय संभव हो जाती है, बिना किसी निवेश के। यह अवसर खासतौर पर ग्रामीण इलाकों की महिलाओं के लिए सोने में सुहागा है।

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योजना क्यों शुरू हुई?
आत्मनिर्भर भारत के तहत महिलाओं को सशक्त बनाने का मकसद है यह योजना। पारंपरिक सिलाई कौशल को निखारकर घरेलू कामकाजी महिलाओं को स्वावलंबी बनाया जा रहा है। विधवाओं, एकल महिलाओं और कम आय वाले परिवारों को प्राथमिकता दी जाती है। सिलाई सीखकर वे स्कूल यूनिफॉर्म, कुर्ते, ब्लाउज या घरेलू सामान बनाकर बाजार में बेच सकती हैं। इससे न सिर्फ परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
क्या-क्या लाभ मिलेंगे?
योजना के तहत 12-15 हजार रुपये कीमत की ब्रांडेड सिलाई मशीन घर डिलीवर होती है। साथ ही 7-15 दिनों का मुफ्त ट्रेनिंग कैंप, जहां रोजाना भत्ता भी मिलता है। काम शुरू करने पर बिजनेस लोन की सुविधा 2 लाख तक ब्याज मुक्त। महिलाएं लोकल दुकानों से ऑर्डर लेकर वर्क फ्रॉम होम मोड में कमाई कर सकती हैं। सफल महिलाएं अब छोटे बुटीक चला रही हैं और कईयों ने 5-6 सदस्यों को रोजगार भी दिया है।
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कौन आवेदन कर सकता है?
18 से 50 साल की भारतीय महिलाएं, जिनका परिवार सालाना 1.5 लाख से कम कमाता हो। बीपीएल कार्ड, विधवा प्रमाण पत्र या दिव्यांगता वाले को जल्दी स्वीकृति मिलती है। पहले ऐसी योजना का लाभ न ले चुकी हों। शहरी-ग्रामीण सभी इलाकों में लागू, लेकिन सीटें सीमित हैं।
आवेदन की आसान प्रक्रिया
नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) पर जाएं या सरकारी पोर्टल पर रजिस्टर करें। आधार नंबर से लॉगिन कर फॉर्म भरें, फोटो और दस्तावेज अपलोड करें। बैंक डिटेल्स जोड़कर सबमिट करें। सत्यापन के 15-30 दिनों में मशीन पहुंच जाती है। ऑफलाइन तरीके से आंगनवाड़ी केंद्र या पंचायत में भी फॉर्म भर सकते हैं। देर न करें, मौका हाथ से न निकले!

















