
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में विकास को गति देने और भीड़भाड़ कम करने के उद्देश्य से, हरियाणा सरकार एक महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है, राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हाल ही में घोषणा की कि प्रस्तावित 17 किलोमीटर लंबे NCR एक्सप्रेसवे (जिसे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का हिस्सा माना जा रहा है) के दोनों ओर पाँच अत्याधुनिक नए शहर विकसित किए जाएंगे।
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परियोजना का खाका
यह विशाल परियोजना मुख्य रूप से फरीदाबाद और पलवल जिलों की सीमा में आने वाले लगभग 700 गांवों की भूमि पर केंद्रित होगी, सरकार का लक्ष्य इन क्षेत्रों को सुनियोजित शहरी केंद्रों में बदलना है, योजना के तहत, इन 700 गांवों की जमीन का अधिग्रहण या उपयोग हरियाणा विकास और शहरी क्षेत्र अधिनियम, 1975 के प्रावधानों के तहत किया जाएगा।
क्यों कहा जा रहा ‘सोने की खान’?
स्थानीय निवासियों और रियल एस्टेट विशेषज्ञों के बीच इस परियोजना को लेकर भारी उत्साह है, “सोने की खान” शब्दावली का प्रयोग इस बात पर जोर देने के लिए किया जा रहा है कि एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी और नए शहरों की स्थापना से इन ग्रामीण इलाकों की जमीन की कीमत में अभूतपूर्व उछाल आने की उम्मीद है। यह कदम क्षेत्र में वाणिज्यिक, आवासीय और औद्योगिक विकास के नए द्वार खोलेगा।
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विकास और भविष्य की योजना
मुख्यमंत्री ने संकेत दिया है कि इन नए शहरी केंद्रों के विकास के लिए जल्द ही एक विस्तृत मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा, इन शहरों में आधुनिक बुनियादी ढांचा, बेहतर कनेक्टिविटी और जीवन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिससे NCR का यह दक्षिणी हिस्सा भविष्य में एक प्रमुख आर्थिक केंद्र के रूप में उभरेगा।

















